पैसे का इतिहास: वस्तु की अदला-बदली से बैंकनोट्स से लेकर बिटकॉइन तक

जानिए, कैसे हमारी मुद्रा चमड़ा से रुपया तक विकसित हुई!

पैसा क्या है? पैसे का आविष्कार कब हुआ? और किसने किया था? पैसे का इतिहास आकर्षक है और हजारों साल पीछे से शुरू होता है। 

मुद्रा का आविष्कार होने से पहले, लोग वस्तुओं और सेवाओं के लिए वस्तु की अदला-बदली करते थे। लगभग 5 हज़ार साल पहले मेसोपोटामिया के लोगों ने ‘शेकेल’ का इस्तेमाल किया था, जिसे मुद्रा (Currency) का पहला ज्ञात रूप माना जाता है।

Paise ka itihaas aur avishkar

मुद्रा या पैसा (Currency) के कई रूपों जैसे सीप, चमड़ा, धातु का सिक्का, कागज का टुकड़ा या क्रिप्टो-करेंसी के साथ मनुष्य उन्नत हुआ है।

मुद्रा या पैसा क्या है?

पैसा एक ऐसी वस्तु है जिस पर एक मूल्य रखा जाता है, जो वस्तुओं और सेवाओं के व्यापार की अनुमति देता है।दिलचस्प बात यह है कि पैसे का अक्सर कोई आंतरिक मूल्य नहीं होता है। कुछ पैसे, जैसे धातु के सिक्के का वास्तविक मूल्य होता है। हालांकि, आधुनिक दुनिया में कागजी मुद्रा अधिक आम है और आमतौर पर इसका कोई वास्तविक मूल्य नहीं होता है।

यह वस्तुओं की कीमत को बताने में मदद करता है, और साथ ही यह लोगों को अपने धन को संग्रहीत करने का एक तरीका प्रदान करता है।

सोने, चांदी और अन्य धातू के सिक्के लगभग 650 से 600 ईसा पूर्व में इस्तेमाल किए जाने लगे। छपी हुई सिक्कों का उपयोग सेना के कर्मी को भुगतान करने के लिए किया जाता था।

समय बीतता गया, वस्तु अदला-बदली का विकास जारी रहा, औपनिवेशिक अमेरिकियों ने चमड़ा और फसलों से व्यापार किया।

कागजी मुद्रा में परिवर्तन

1260 ईस्वी के दौरान, चीन के युआन राजवंश ने सिक्कों को छोड़कर कागजी मुद्रा का उपयोग करना शूरू किया।
एशिया में यात्रा करने वाले व्यापारी, खोजकर्ता और लेखक मार्को पोलो ने लगभग 1271 ईस्वी में चीन का दौरा किया, जिसके अनुसार चीन के सम्राट के पास कागज़ी पैसे की आपूर्ति और व्यवस्था दोनों पर अच्छा नियंत्रण था।

16वीं शताब्दी तक यूरोप के कुछ हिस्सों में अभी भी धातु के सिक्कों को मुद्रा के एकमात्र रूप के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा था।

हालांकि, बैंकों ने अंततः जमाकर्ताओं और उधारकर्ताओं के लिए Coin के स्थान पर कागजी नोटों (Banknotes) का उपयोग करना शुरू कर दिया।

इन नोटों को किसी भी समय बैंक में ले जाकर, सिक्कों में उनके अंकित मूल्य के लिए आदान-प्रदान किया जा सकता था। इस कागजी पैसे का इस्तेमाल सामान और सेवाओं को खरीदने के लिए किया जाने लगा। इस तरह, यह आधुनिक दुनिया में आज की मुद्रा की तरह ही संचालित होता है।

मोबाइल पेमेंट और वर्चुअल करेंसी

21वीं सदी ने मुद्रा के दो नए रूपों को जन्म दिया: मोबाइल भुगतान और Virtual मुद्रा। मोबाइल पेमेंट में एक पोर्टेबल इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, जैसे सेलफोन, स्मार्टफोन या टैबलेट डिवाइस के माध्यम से किसी वस्तु या सेवा के लिए पैसे का भुगतान किया जाने लगा।

दोस्तों या परिवार के सदस्यों को पैसे भेजने के लिए मोबाइल भुगतान तकनीक का खूब इस्तेमाल हुआ है। तेजी से, फोन पे और गूगल पे जैसी सेवाएं लोकप्रिय हो चुकी हैं।

आभासी मुद्रा (Virtual Currency)

बिटकॉइन को 2009 में ‘सातोशी नाकामोटो’ द्वारा लॉन्च किया गया था। Bitcoin, जल्दी ही आभासी मुद्राओं के लिए मानक बन गया।

ऐसी मुद्रा (Currency) जो ‘एन्क्रिप्टेड’ यानी कोडेड हो। Crypto करेंसी वर्चुअल या डिजिटल पैसा है, जो क्रिप्टोग्राफी द्वारा सिक्योर्ड होता है जिससे इसकी नकल या कोई गड़बड़ी असंभव हो जाता है। यह डिजिटल संपत्ति का एक रूप है और यह ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित है। Bitcoin, Ethereum और Litecoin क्रिप्टोकरेंसी के कुछ उदाहरण है।

अधिक जानकारी: क्रिप्टोकरेंसी की पूरी जानकारी (Crypto Explained in Hindi)

2 thoughts on “पैसे का इतिहास: वस्तु की अदला-बदली से बैंकनोट्स से लेकर बिटकॉइन तक”

    • फूटी हुइ सीप को कौड़ी कहा जाता है, पहले मुद्रा के रूप में इसका इस्तेमाल होता था.

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